Friday, 6 November 2015

झूठ का हुनर


झूठ बोलने का हुनर हम भी सीख रहे है,
पता चला है, रिश्ते ऐसे ही बनाये जाते है।
सच की डुगडुगी बस्ते में बंद कर दी है
सच्चे लोग  महफ़िलो में कहाँ बुलाये जाते है।

झूठ कहो तो सम्मान काफी मिलता है,
खाने को मीठा पकवान भी मिलता है।
सच का करेला हमेशा नीम चडा होता है,
इसलिये तो लोग झूठ की चाशनी में नहाये होते है।

झूठ कहो तो तारीफे, सच कहो तो मुसीबत।
झूठ कहो तो सब ख़ुशी ख़ुशी, सच कहो तो तोहमत।
सच्ची बातें कोई नहीं करता,
सब यहाँ झूठे अफ़साने गाए जाते है।

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