अजीब देश हो गया है मेरा,
वतन खिलाफी पर सजाये जाते है
और वतन परस्ती पर सताए जाते है
दुआ अजान में नाम लेते है राम रहीम का
फिर धर्म के नाम पर लोग जलाये जाते है
लूट कर घर गरीब का
मंदिरो में पैसे चढ़ाये जाते
शेरो को पिंजरे में बंद कर देते है
और गीदड़ शेर बनाये जाते है
ओवेसि के कहे पर कोई कुछ नहीं कहता, कमलेश के कहने पर मालदा
उस पर भी हम ही, असाम्प्रदायिक कहे जाते है।
जो सरस्वती की साधना में साधू हो गए, उन्हें ढेला ना मिला
चाटुकारिता वाले चमचे विभूषित किये जाते है।
जो ज़मीन बचाने जुटे है सीमा पर, उनकी ज़मीने भी हड़प ली
ढोल तमाशो वालो पर, खजाने लुटाए जाते है।
हिन्दू या मुस्लिम के एहसास को मत छेड़िये।
ReplyDeleteअपनी कुर्सी के लिए जज्बात को मत छेड़िये।
जब मुल्ला को मस्जिद में राम नजर आए ,
जब पंडित को मंदिर में रहमान नजर आए ,
सुरत ही बदल जाए इस दुनिया की गर
इंसान को इंसान में इंसान नजर आए.....।।।
kya baat h ? tum bhi shuru kar do ab likhna :)
ReplyDeleteGreat job bro...����
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